Dream of Mountaineering & Mount Everest
(ड्रीम ऑफ़ माउंटेनियरिंग एंड माउंट एवेरेस्ट)
Written by - Mountain Man Ankit Sen (Jabalpur)
मे माउंटेन मैन अंकित सेन जबलपुर तहसील मझौली ग्राम पड़रिया का रहने वाला हु.. मेरा पापा जी एक किसान है. मे..2012 मे जबलपुर आया जबलपुर मे रांझी बजरंग नगर मे किराये के मकान मे रहता हु मे क्लास 8th से 10th.क्लास तक सेंट मैरी हाई सेकेंडरी स्कूल मे पढ़ाई की उसे बाद की पढ़ाई लक्ष्मी नारायण हाई सेकेंडरी स्कूल रांझी मे की और मे स्कूल मे रहते हुए कबड्डी खेलता ता |
तभी 2015 मे जबलपुर एनसीसी के सीओ कमांडर अफसर हमारे बीएफ जे ग्राउंड आए हुए थे कबड्डी देखने और तब मे तैयारी कर रहा ता सर को मेरा खेल अच्छा लगा और मुझसे बोले क्या तुम एनसीसी की तरफ से खेलोगे कबड्डी मैंने हां बोल दिया और मैं दूसरे दिन बन एमपी बटालियन घंटाघर एनसीसी जबलपुर पहुंचा कर सर से मिला तब वहां कबड्डी के ट्रायल चल रहे थे मैंने भी ट्रायल दिया और एनसीसी की टीम जबलपुर ग्रुप एनसीसी कबड्डी टीम की तरफ से हम रायपुर दुर्ग कबड्डी खेलने गए सीओ सर ने मुझे एनसीसी दी और मेने एनसीसी में आने के बाद राइफल शूटिंग चालू कर दी |
2016 मे एनसीसी में तभी बेसिक माउंट ट्रेनिंग कोर्स माउंट ट्रेनिंग की वैकेंसी आई जिसका कैंप हिमालयन माउंटेनियरिंग इंस्टिट्यूट दार्जिलिंग में लगना था यह कैंप 28 दिन का होता है इस कैंप में मुझे अल्फा ग्रेट मिला और मैं तब से माउंटेन इन की तैयारी करने लगा वहां से आने के बाद मैंने अपने फोन में डॉक्टर अरुणिमा सिन्हा मैम की वीडियो देखी जिनका एक पैर कट चुका ता उसके बाद भी मेम मैंने माउंट एवरेस्ट सम्मिट किया उनकी वीडियो देख कर मे मोटिवेट हुआ और मेने भी सोचा की मे भी कर सकता हूं उस दिन से मैं माउंट एवरेस्ट की तैयारी करने लगा और अपना लक्ष्य बना लिया कि मुझे भी माउंट एवरेस्ट सम्मेट करना है देश का राष्ट्रीय ध्वज फहराना है यह सपना लेकर मैं आगे बढ़ा और कुछ दिन बाद एनसीसी में माउंट जोगिन जिसकी हाइट है 6116 मीटर यह कैंप बहुत टफ था और मैं जबलपुर ग्रुप से इस कैंप को करने के लिए गया था इस कैंप में बहुत सारी कठिनाइयां आई हैं यह कैंप से मुझे बहुत कुछ सीखने मिला लास्ट में मैं इस कैंप में 19000 फीट सबमिट किया और उस दिन जो भी मुसीबत जो भी कठिनाइयां आई उन सब को सरल बनाने के लिए मैंने यह आत्मविश्वास रखा कि 1 दिन मैं पूरी तैयारी कर कर माउंट एवरेस्ट जाऊंगा और देश का राष्ट्रीय ध्वज फेरा कर आऊंगा |
वहां से आने के बाद मैं दिल्ली में एनसीसी के सर डायरेक्टर जनरल डीजी एनसीसी से मिला और मैंने उस मौंटैनीइंग एक्सपीडिशन में बहुत कुछ सीखा वहां से आने के बाद जबलपुर बेस्ट केडिट का अवॉर्ड मिला फिर मैं 2018 मे गन फॉर ग्लोरी शूटिंग अकेडमी ज्वाइन की और मे मोनिका मेम और प्रशांत सर से मिला सर और मेम न मेरी हेल्प की और मे वहां अपना लेवल 1 लेवल 2 शूटिंग का कंप्लीट किया.. कुछ दिन बाद इंटर कॉलेज कंपटीशन हुए जिसमें मैं जीएस कॉलेज की तरफ से भाग लिया और हमने अपने कॉलेज को गोल्ड मेडल दिलाया गन फॉर ग्लोरी में रहकर मैंने शूटिंग के साथ मौंटैनीइंग को कंटिन्यू रखा और मैंने एनसीसी की टीम के साथ ऑल इंडिया ट्रैकिंग कैंप जो कि रांची झारखंड में लगा हुआ था उसमें भाग लिया सपना मेरा बहुत बड़ा है
मैं चाह रहा था मुझे कोई इंस्टिट्यूट या ऐसी कोई कंपनी मिले जिसके साथ रहकर मैं अपनी तैयारी कर सकूं.. कुछ दिन के बाद मैंने फेसबुक में टक्सपर्ट नाम की कंपनी को देखा तभी मैंने कंपनी के डायरेक्टर प्रशांत कुमार मसीह सर को कॉल किया और सर से बात की और साथ रह कर मैंने ट्रेक्सपर्ट को ज्वाइन किया और उनके साथ रहकर कुछ ट्रैकिंग कैंप एडवेंचर स्पोर्ट्स जो कि जबलपुर में लोकल लेवल पर हमेशा होते हुए आ रहे हैं वहां जाकर मैंने कुछ नई नई चीजों को सीखा ट्रेक्सपर्ट के साथ जोड़कर मैंने ट्रैकिंग चालू की..ट्रेक्सपर्ट के दौरा संचालित कैंप नेशनल मौंटैनीइंग कैंप जो की सुंदर फूल नेपाल उसकी हाइट है 12000 फीट तब मैं एनसीसी के कुछ बच्चों को लेकर उस कैंप में भाग लिया और ट्रेक्सपर्ट के साथ रहकर सफलतापूर्वक हमने यह कैंप को सम्मिट किया इस कैंप में बहुत सारी कठिनाइयां हैं बहुत कुछ सीखने मिला सबसे बड़ी बात यह थी हमरे साथ एनसीसी की दो लड़कियों भी साथ मे थी जिनकी लाइफ का सबसे पहला कैंप था ट्रैकिंग यह कैंप हमने उस टीम के साथ मिलकर 3 दिन में कंप्लीट किया |
उसके बाद मैंने एडवेंचर स्पोर्ट्स सुना हु था और तभी मुझे मौका मिला दिल्ली जाने का दिल्ली में ट्रेक्सपर्ट का एडवेंचर स्पोर्ट्स का कैंप लगा हुआ था उस कैंप में मुझे जाने का मौका मिला और मैं बहुत सारे एडवेंचर एक्टिविटी सी कर आया एडवेंचर स्पोर्ट के साथ मैंने ट्रैकिंग भी चालू की
जबलपुर में लोकल लेवल मे ट्रैकिंग करना चालू कर दिया उसके बाद टक्सपर्ट के सत रहकर मे तभी मौंटैनीइंग का एक और कैंप किया जिसका नाम था हमटा पास मनाली और उसकी ऊंचाई थी 16000 फीट यह कैंप भी हमने सफलतापूर्वक सम्मिट किया |
कैंप को समेट करने के बाद हम लगातार आसपास के क्षेत्र में ट्रेकिंग करते रहते हैं आज हमारे पास 12 से 14 लोगों की एक एक अच्छी मौंटैनीइंग टीम है कभी जबलपुर से ये मेरा बस सपना हुआ करता था कि मैं माउंट एवरेस्ट जाऊं आज मेरे पास बहुत अच्छी टीम है जो ट्रेक्सपर्ट के साथ रहकर ट्रैकिंग मौंटैनीइंग कर रहे है |
हम सबका सपना हैं हम संस्कारधानी जबलपुर मध्य प्रदेश इंडिया का राष्ट्रीय ध्वज माउंट एवरेस्ट मे जा कर फिरआएं |
अभी मेरा चयन एडवांस अमाउंट ट्रेनिंग कैंप के लिए हुआ है जोकि 1 अप्रैल से 28 अप्रैल हिमालय माउंटेन इंस्टिट्यूट दार्जिलिंग में लगना था पर आज हम सबको पता है पूरी दुनिया में करोना जैसी एक महामारी आई हुई है जिससे हम सबके काम रुके हुए हैं मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं जल्द से जल्द हम सबको इस महामारी से बाहर निकाले और फिर से हम सब अपने अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते रहें|घर मे रहे स्वस्थ रहें (#STAYHOME #STAYSAFE)
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